हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस रिवायत को " कन्ज़ुल उम्माल " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم
خَمْسُ صَلَواتٍ مَنْ حافَظَ عَلَيْهِنَّ كانَتْ لَهُ نُورا وَبُرْهانا وَنَجاةً يَـوْمَ الْقِيـامَةِ
हज़रत रसूल अल्लाह (स.अ.व.व)ने फरमाया:
जो शख्स पांच वक्त की नमाज़ों की हिफाजत करें, (यानी बाकायेदिगी से इन्हें अदा करें) तो यह नमाज़ए कयामत के दिन इसके लिए नूर,और दलील और बुरहान और वसीले निज़ात होगी।
कन्ज़ुल उम्माल,भाग 7,हदीस नं. 18862